This post has been published by me as a part of the Blog-a-Ton 27; the 27th Edition of the online marathon of Bloggers; where we decide and we write. To be part of the next edition, visit and start following Blog-a-Ton. The topic for this month is 'Once Again'.
खुश रह सकते थे काश हम हर पल ,
फिर गम तो युहीं पराया हो जाता हम से ,
दस्तक हमारे जिंदगी का पड़ता सुना ,
इस विषारी गम के बिना !
फिर कौन बिन बुलाये आके कहता ,’look, I am here once again’?!!
नहीं समझे हमारे इस विचार को ,तो विवश होके मत समझना ,
थोड़ी राह देखलेना , अतिथि विराजेंगे,
आप ही की खुशाल जिंदगी मै
जब पधारेंगे वे , एक घन घोर निराशा छुपी होगी उनके पीछे ,
सदा कंटक बिछाने को तैयार रहेगी , वो निराशा …………..
आपके कर्तुत्व के अस्तित्व को ही ललकारेगी , वो निराशा …………
विचार क्षमता को बहला - फुसला कर रखेगी , वो निराशा ………..
हर एक आशा का अपहरण करेगी , वो निराशा ……………
कोई सूत्र , कोई तत्त्व न भये उसके इस व्यवहार को ,
अब इनसान मृत बनगया अपनी ही साँसों के सामने ….
मृत बन बैठा ये शरीर और उसकी इंद्रिया,
फिर भी दूर कही दबे आवाज मै ये दिल सिसकियाँ ले रहा है ,
अपनी इस निराशा को कुचलने की योजना बना रहा है,
इस निराशा के घमंड को चूर करना है!
योजना बहुत सरल परन्तु अमल करना बहुत कठिन ,
त्रस्त होना होगा , कष्ट लेना होगा , टूटना होगा ,
बिखरना होगा , मुरझाना होगा लेकिन आशा नहीं छोडनी है हमें …
चाहे पूरी जिंदगी बीत जाये ,
चाहे पूरी शक्ति समाप्त हो जाये ,
चाहे कुछ भी कहे अपना मस्तिष्क ,
मत सुनना ,मत पीछे हटना ,
ये हमारे आत्मा सम्मान की परिभाषा का प्रश्न है ..
आज हार मानली तो ख़ुशी और आशा से हमेशा नजरे चुराओगे ,
आइना तक शर्मायेगा तुम्हे तुम्हारा चेहरा दिखने …..
ख़ुशी ने कभी दस्तक दी , तो लेले उसका पूरा मजा ,
जी ले हर एक ख़ुशी की एहसास को , उसके हर एक प्रकाश को ,
कभी अपने आप को इतने भी मत खो देना ख़ुशी मै ,
की वही छुपा हुआ शातिर गम आपको दिखना पाए …
गम हमेशा दस्तक देगा आपके संसार मै ,
मत डरना उसके बनावटी प्रकोप से ,
झगडें ख़ुशी के लिए जी जान से ,
वक़्त की परवाह न करें , क्यूंकि ,
जितनी देर लाधोगे उतनी ही देर ख़ुशी के समक्ष रहोगे .
मत बैठना शांत इस लढाई के बाद ,
क्या पता ,फिर नजाने कब गम से आप मिलेंगे ,
जब कोई अचानक से आके कहेगा ,
“look I am here once again”……
- अनिरुद्ध
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<< जब कोई अचानक से आके कहेगा ,
ReplyDelete“look I am here once again”……>>
Liked the poem and especially these last two lines. Well written.
I am very happy that you liked it...thanq :)
Deletenice poem ani:)esp d 3rd stanza..i liked it:)
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